यातायात पुलिस एक्सीडेंट के मामले मे “गुड सेमेरिटन” जागरूकता के संबंध मे लघु फिल्म के माध्यम से करेगी लोगों को जागरूक 

यातायात पुलिस एक्सीडेंट के मामले मे “गुड सेमेरिटन” जागरूकता के संबंध मे लघु फिल्म के माध्यम से करेगी लोगों को जागरूक

खंडवा, जिले एवं प्रदेश मे लगातार हो रहे एक्सीडेंट के मामले मे घायल व्यक्तियों की बढ़ रही मृत्यु की संख्या को रोकने के लिए शासन द्वारा गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति) को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार देने की योजना बनाई है। इसके तहत एक्सीडेंट के फलस्वरूप आघातपूर्ण चोट लगने के एक घंटे तक का समय गोल्डन आवर कहलाता है, यदि उस अवधि मे घायल व्यक्ति को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा दी जाये तो उसकी जान बच सकती है। इस नेक काम को बढ़ावा देने के लिए नेक व्यक्ति (गुड सेमेरिटन) योजना के तहत 5000/-रुपये का पुरस्कार एवं एक “प्रशंसा” प्रमाण पत्र दिया जाता है।

यातायात पुलिस खंडवा द्वारा “गुड सेमेरिटन” जागरूकता के संबंध में एक लघु फिल्म बनाई गई है। जिसे दिनांक 24.12.24 को पुलिस कंट्रोल रूम खंडवा में पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय द्वारा लघु फिल्म को रिलीज किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खंडवा श्री महेन्द्र तारणेकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) श्री महेंद्र तारणेकर, उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री आनंद स्वरूप सोनी, नगर पुलिस अधीक्षक खण्डवा श्री अभिनव बारंगे, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री अनिल सिंह चौहान, एसडीओपी मूँदी श्री रवींद्र कुमार बोयट, एसडीओपी हरसूद श्री लोकेन्द्र सिंह ठाकुर, एवं जिले के समस्त थानो के थाना प्रभारी उपस्थित रहे।

“नेक व्यक्ति” लघु फिल्म के माध्यम से यह बताया गया कि किस प्रकार से घटना स्थल पर उपस्थित रहते हुए अधिकांश व्यक्ति घायल को उपचार हेतु रवाना नहीं करते है, बल्कि घटना की फ़ोटो वीडियो एवं सेल्फ़ी लेते रहते है। संवेदनशील एवं जागरूक नागरिक मदद हेतु आगे आकर घायल व्यक्ति को अस्पताल के लिए रवाना करता है और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उसे सम्मानित किया जाता है।

पुलिस अधीक्षक खंडवा द्वारा बताया गया कि नेक व्यक्ति लघु फिल्म के माध्यम से जिले के सभी थाना क्षेत्रों मे यातायात जागरूकता का अभियान चला कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले के सभी नागरिकों से यातायात नियमों का पालन करने एवं नशा करके वाहन न चलाने की अपील की गई है।

 

खंडवा से भवानी प्रसाद की रिपोर्ट