ऋषि पंचमी का व्रत रख महिलाओं ने की पूजा-अर्चना,खंडवा। भादों मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ऋषी पंचमी का त्यौहार मनाया
जाता हैं। इस दिन महिलाएं व्रत करती हैं। ऋषियों की पूजा करने के बाद ऋषि पंचमी व्रत की कथा सुनी जाती हैं, उसके बाद एक समय फलाहार लेती हैं। महिलाएं जब माहवारी से होती हैं तब गलती से कभी मंदिर में चली जाती हैं या कभी पूजा हो वहाँ चली जाती हैं तो उसका दोष लगता हैं। उस दोष को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता हैं।
मुनिबाबा मंदिर के ट्रस्टी व समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि सावन और भादव से त्यौहारों का आगमन शुरू हो जाता है। सावन में जहां नागपंचमी व रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया, वहीं भादव मास में हरतालिका तीज के साथ गणेश चतुर्थी का पावन पर्व एवं रविवार को ऋषि पंचमी का व्रत महिलाओं द्वारा धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। पंचमी पर महिलाओं ने मंदिर जाकर पूजा अर्चना की। खंडवा के कई मंदिरों के साथ बजरंग चौक स्थित मुनिबाबा मंदिर एवं घरों में रजोधर्म की दोष से मुक्ति के लिए महिलाओं ने व्रत रखकर सप्तऋषि की पूजा अर्चना कर आरती करते हुए कथा सुनी। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित महिलाओं द्वारा थाली में विराजमान ऋषि अत्री, भारद्वाज, कश्यप, विश्वामित्र, गौतम, वशिष्ट और जमदगनी की पूजा अर्चना की गई। मंदिर में पूजा के समय बजरंग चौक विट्ठल मंदिर महिला मंडल की मनोरमा तोमर, पिंकी सोनी, ममता पांचाल, प्रीति पटेल,नेहा शर्मा, पटेल श्वेतादाड,प्रमिला गंगराड़े, रजनी पांचाल, चेतना गंगराड़े,राजश्री पांचाल उपस्थित थी,पंडित नवीन शर्मा, वेंकटेश शर्मा ने महिलाओं को ऋषि पंचमी व्रत कथा की सुनाई।