शिक्षिक दिवस पर विशेष लेख झुम्मरख़ाली स्कूल को बनाया ‘‘मेरी शाला सुंदर शाला‘‘दीवारों पर हिंदी एवं अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर लिखे गए, जिससे आकर्षित होकर बच्चे ले रहे प्रवेश

झुम्मरख़ाली स्कूल की शिक्षिका नीतू ठाकुर को 5 सितम्बर को भोपाल में किया जायेगा सम्मानितखण्डवा 04 सितम्बर, 2024 – खण्डवा जिले के विकासखंड हरसूद की शासकीय प्राथमिक शाला झुम्मरखाली की दीवारें बच्चों को ककहरा सिखा रहीं ह

। इस विद्यालय में बच्चे खेल-खेल में पढ़ रहे हैं। शैक्षणिक गतिविधियों में नवाचार को लेकर इस विद्यालय की शिक्षिका नीतू ठाकुर को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए चुना गया है। शिक्षक दिवस पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल महोदय द्वारा सम्मानित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि शिक्षिका नीतू ठाकुर ने स्कूल को ‘‘मेरी शाला सुंदर शाला‘‘ नाम दिया है। भयमुक्त शाला बनाने के लिए दीवारों पर रंग बिरंगी पेंटिंग में हाथी, शेर, हिरण समेत विभिन्न जीव जंतुओं की तस्वीरें बनाई गई हैं। दीवारों पर हिंदी और अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर लिखे गए हैं। झुम्मरखाली विद्यालय को शिक्षक ने जनसहयोग से भयमुक्त और आनंदमयी शाला बनाया है। विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही आकर्षण को देख आस-पास के गांवों के बच्चे भी स्कूल आने लगे हैं। खंडवा का प्राथमिक स्कूल प्रदेश स्तर पर मॉडल बन गया है। शिक्षिका नीतू ठाकुर ने बताया कि नामांकन में वृद्धि करने के लिए घर-घर जाकर सर्वे किया गया। इसके अलावा फोन से लगातार सम्पर्क, टोली बनाओ अभियान एवं जनसहयोग से पालकों को स्कूल से जोड़ने जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए वृक्षारोपण भी किया जा रहा है।शिक्षा के वातारण को भयमुक्त बनाने के लिए विद्यालय का बदला स्वरूप शिक्षिका नीतू ठाकुर ने बताया कि शिक्षा के वातावरण को भयमुक्त बनाने के लिए विद्यालय का स्वरूप बदलना तय किया और इसमें सभी शिक्षकों ने मिलकर प्रयास किए हैं जिससे बच्चे भयमुक्त और आनंदमयी वातावरण के बीच पढ़ाई कर सकें। उन्होंने बताया कि विद्यालय में रीडिंग कार्नर का निर्माण किया गया, जिसमें पुस्तकालय की रोचक पुस्तके बच्चों को नियमित पढ़ने का अवसर मिलता है। रोचक पुस्तकों में रोचक गतिविधियां भी होती है, जिन्हें प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त समय व स्थान बच्चों को दिया जाता है। शिक्षिका नीतू ठाकुर ने बताया कि टीएलएम का उपयोग बच्चों द्वारा हो, ऐसा प्रयास होने पर ही टीएलएम की सार्थकता सिद्ध होती है, मेरी शाला के सभी बच्चे प्रत्येक टीएलएम का उपयोग,संबंधित अवधारणा भलिभांति जान लें ऐसा सदैव प्रयास किया जाता है