वर्षा जल संचयन हेतु निरीक्षण एवं जन जागरूकता अभियान*

  1. खंडवा  ( जावेद एलजी )

आज कलेक्टर श्री ऋषभ गुप्ता एवं आयुक्त श्रीमती प्रियंका राजावत द्वारा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत सर्वोदय कॉलोनी, नाकोड़ा नगर, चीरा खदान EWS मल्टी सहित शहर के अन्य क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) के अंतर्गत चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री गुप्ता ने निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु प्रारंभ होने से पूर्व कम से कम 500 रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर (RWHS) का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाए। इसके उपरांत प्रत्येक घर से एकत्रित वर्षा जल द्वारा भूजल (Ground Water) का रिचार्ज सुनिश्चित किया जाए, ताकि हम जितना जल उपयोग करें, उतना जल धरती को वापस लौटाया जा सके।

*सार्वजनिक बोरवेल्स का पुनर्भरण कार्य प्रगति पर*

नगर निगम द्वारा शहर के समस्त सरकारी बोरवेल्स को, आसपास के घरों से प्राप्त वर्षा जल से रिचार्ज किया जा रहा है, जिससे भूजल स्तर में स्थायी सुधार सुनिश्चित किया जा सके।

*निजी घरों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा*

निगम नागरिकों को प्रोत्साहित कर रहा है कि वे अपने निजी व्यय पर अपने घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर तैयार करें।

• जिन घरों में बोरवेल्स उपलब्ध हैं, वहां बोर रिचार्ज किया जा सकता है।

• जिन घरों में बोरवेल नहीं है, वे 4’x4’x4’ आकार का गड्ढा बनाकर उसमें 8 इंच चौड़ाई और 15 फीट गहराई का रिचार्ज शाफ्ट तैयार करें। इस शाफ्ट में 200 लीटर की छेद वाली टंकी को रखा जाएगा, जिसके चारों ओर फिल्टर मीडिया (ग्रैवल्स, स्टोन, रेत) डाला जाएगा। छत से आने वाला वर्षा जल पाइप के माध्यम से इस टैंक में प्रवाहित किया जाएगा, जिससे भूजल का रिचार्ज संभव होगा।

*नगर निगम से आवश्यक सहयोग उपलब्ध*

यदि किसी नागरिक को प्लंबर की व्यवस्था में कठिनाई आ रही है, तो नगर निगम द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। एक सामान्य रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना की लागत ₹2500 से ₹4500 तक आंकी गई है।

*नगर निगम द्वारा अब तक 60 से अधिक संरचनाएं निर्मित*

नगर निगम द्वारा अब तक 60 से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर तैयार किए जा चुके हैं और यह कार्य निरंतर जारी है। प्रत्येक घर में वर्षा जल संचयन की व्यवस्था कर जल संकट के समाधान की दिशा में अहम कदम उठाया जा रहा है।

*सभी नागरिकों से अपील*

नगर निगम समस्त नागरिकों से अपील करता है कि वे इस जनहितकारी पहल में सक्रिय रूप से भाग लें। वर्षा जल संचयन के माध्यम से न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।