APCR संस्था ने गरीब बस्ती में पहुंच आम लोगों के बीच मनाया अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस, लोगों को दी यह जानकारी
Khandwa ( जावेद एलजी )मध्य प्रदेश के खंडवा नगर में मंगलवार शाम कानूनी सहायता मुहैया कराने वाली सामाजिक संस्था एपीसीआर के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया गया । बता दें कि, हर साल ही 10 दिसम्बर को मानव अधिकारों की रक्षा और उनके प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है । देश और प्रदेश में मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम को एपीसीआर संस्था के द्वारा शहर की एक गरीब बस्ती के एक छोटे से मुहल्ले घासपुरा में आम लोगों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मनाया गया
। इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संस्था के सेक्रेटरी और अन्य पदाधिकारीयों ने उनके संवैधानिक और मौलिक अधिकारों की जानकारी दी । इसके साथ ही मौजूद वक्ताओं ने मानव अधिकारों को करीब 1500 साल पहले इस्लाम के आखिरी नबी की शिक्षाओं से जोड़ते हुए इसे इस्लामिक शरिया कानून का एक अभिन्न अंग भी बताया ।खंडवा नगर के घासपुरा वार्ड क्रमांक 14 स्थित एक कम्यूनिटी हॉल में मंगलवार देर शाम अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया गया । कार्यक्रम का आयोजन एपीसीआर संस्था के द्वारा करवाया गया था, जिसमे बड़ी संख्या में मुहल्ले के आम लोग और शहर के जनप्रतिनिधि शामिल हुए । कार्यक्रम के दौरान मौजूद वक्ताओं ने आम लोगों को उनके अधिकारों की जानकारी दी । इस दौरान भोपाल से आये संस्था के जनरल सेक्रेटेरी सय्यद जावेद अली ने बताया कि 1948 से शुरू किया गया मानव अधिकार संगठन आम लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया है । आज देश मे एक नागरिक क्या खा रहा है, क्या पहन रहा है, किस धर्म को वो मानता है, ये सब उसके अधिकार हैं, और इन अधिकारों की रक्षा के लिए ही मानव अधिकार आयोग की स्थापना की गई है । वहीं संस्था के जिला अध्यक्ष सय्यद अशफाक काजी और सचिव जाहिद अहमद ने एपीसीआर संस्था के कार्यों को आम लोगों से रूबरू करवाया । वहीं इस दौरान सय्यद जावेद ने आम लोगों को एपीसीआर संस्था के जनरल सेक्रेटरी नदीम खान साहब की गिरफ्तारी को लेकर भी बताया कि, मानव अधिकारों के हनन से जुड़ी एक प्रजेंटेशन को दिखाने पर दिल्ली पुलिस एक एफआईआर दर्ज करने के मात्र चार घण्टे बाद कर्नाटक पहुंचकर बगैर वारंट नदीम खान साहब की गिरफ्तारी के लिए उनके घर पहुंच जाती है । यही नहीं जब पुलिस से वारंट मांगा जाता है तो वो बगैर दिखाए उन्हें साथ चलने के लिए मजबूर करती है । हालांकि इसको लेकर संस्था के द्वारा कानूनी रूप से पुलिस को चैलेंज किया जाता है । जिसके बाद मामला कोर्ट तक जाता है, और फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर कोर्ट से रोक लगती है । वहीं उन्होंने बताया कि इस मामले में संस्था के जरिये पुलिस द्वारा दर्ज की गई गलत एफआईआर को भी रद्द करने का आवेदन दिया गया है, जिसकी बुधवार को सुनवाई होना है ।