गरिमामय योजन के दौरान सम्मानित हुए वर्षा उपाध्याय, अरुण पटेल और सुनीता तिवारी
*कवि कला संगम के तत्वावधान आयोजित हुआ चौरे स्मृति सम्मान (खंडवा। जावेद एलजी,) ,कवि कला संगम (ककस) के तत्वावधान में रविवार को ज्योति चौरे, अमृतलाल चौरे एवं भागवत चौरे की स्मृति में गरिमामय पूर्ण सम्मान समारोह का आयोजन जसवाडी रोड स्थित लक्की गार्डन में सम्पन्न हुआ।
यह सम्मान अतिथियों के कर कमलों से वर्ष 2024-25 के लिए ज्योति चौरे सम्मान श्रीमती वर्षा उपाध्याय (कवयित्री), अमृतलाल चौरे सम्मान अरुण पटेल (भजन गायक) एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में भागवत चौरे स्मृति सम्मान सुनीता तिवारी (पूर्व प्राचार्य ) को प्रदान किया गया। यह जानकारी देते हुए ककस प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि सम्मान समारोह के दौरान मुख्य अतिथि भरत प्रसाद सलोकी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रशिक्षण शाला) उज्जैन, रमेशचंद साकल्ले रेलवे मैनेजर ,विशिष्ट अतिथि श्रीमती रचना तिवारी (समाजसेवी), श्रीमती मनीषा पाटिल (अधिक्षिका ट्रायवल), श्रीमती ज्योति दुबे (अध्यक्ष मानव अधिकार संगठन), श्रीमती रविन्दर सलूजा (महिला सिक्ख संगठन अध्यक्ष), श्री प्रमोद जैन (संस्थापक सदभावना मंच), श्री आनन्द गुहा अखंड साहित्यकार, श्री अरुण सोनी अध्यक्ष पेंशनर एसोसिएशन, श्री रितेश कपूर समाजसेवी, श्री राजेश आर्य, रिटायर्ड सीनियर सेक्शन इंजीनियर की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जगदीशचंद चौरे ने की। कार्यक्रम का आगाज अतिथियों द्वारा माँ शारदा के छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित हुआ। तत्पश्चात माँ शारदे की सरस्वती वंदना जयश्री तिवारी, कविता विश्वकर्मा, सलोनी सेन ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम में उपस्थितों का भूपेंद्र मौर्य एवं नितेश चौरे ने कुंकु तिलक पश्चात अतिथियो का स्वागत संजय चौरे, दीपक चाकरे, भूपेंद्र मौर्य, निर्मल मंगवानी, किरण चौरे, निकिता पटेल, नन्दिनी गावशिंदे, वैष्णवी चौरे, कु.माया आदि सद्स्यों ने किया।। दीपक चाकरे व्दारा ककस प्रतिवेदन का वाचन किया गया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा ज्योति चौरे स्मृति सम्मान से वर्षा उपाध्याय (कवयित्री), अमृतलाल चौरे स्मृति सम्मान से टिथिया जोशी के भजन गायक अरूण पटेल एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में रूचि रखने वाली मातृशक्ति भागवत चौरे स्मृति सम्मान से पूर्व प्राचार्य श्रीमती सुनीता तिवारी को अनेक साहित्यकारों की विशेष मौजूदगी में अतिथियों व्दारा शाल श्रीफल, सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। सफल कार्यक्रम पर संस्थापक सुनील चौरे उपमन्यु ने बताया कि विगत आठ वर्षों से यह सम्मान दिया जा रहा हैं। तीनों ही सम्मान साहित्यिक, सामाजिक, आध्यात्मिक क्षेत्र में काम करने वाले मनीषियों को प्रदान किए जाते है। सम्मान प्राप्त कर तीनों सम्मानित मनीषियों ने कहा कि आत्मीयता पूर्ण इस कार्यक्रम हम यह स्मृति सम्मान प्राप्त कर गौरान्वित है। वही अतिथियों के साथ भरत प्रसाद सलोकी मुख्य अतिथि सलोकी ने कहा कि हम पुलीस वाले अधिकतर चुप रहते है किंतु इस गरिमामयी कार्यक्रम में आकर मैं भी कवि बन ही जाऊंगा। उन्होंने ने भी कविता की चंद पंक्तिया सुना दी एवं प्रमोद जैन ने इस प्रकार के सम्मान को आत्मीयता पूर्ण सम्मानजनक एवं पूर्वजों के प्रति स्मरणीय बताया। सम्मान समारोह एवं वक्तव्यों के बाद काव्यपाठ व गीतों का दौर चला। कार्यक्रम के द्वितीय भाग में राजमाला आर्य,रश्मि दीक्षित,मंगला चौरे,जयश्री तिवारी,निकिता पटेल, तृप्ति प्रजापति,कविता विश्वकर्मा, अनुराधा साँडले,कविता जाटव,रश्मि श्रीमाली ,सलोनी सेन,नन्दिनी गांवशिन्दे,महेन्द हिंदुस्तानी,महेश मूलचंदानी,देवेन्द्र जैन,सत्यनारायण चौहान,शुभम देवड़ा,भूपेंद्र मौर्य, गोपाल नायक,नितिन बिवाल, इम्रतलाल नन्दोरे, अनूप गुरु, अनारसिंग सोलंकी, निर्मल मंगवानी, गणेश भावसार, प्रवीण जैन, एम. उपाध्याय ने उद्बोधन के साथ काव्यपाठ किया। उपस्थित साहित्यकारों के साथ श्रोताओ ने भी कार्यक्रम का आनन्द लिया । विशेष रूप से अरुण पटेल ने संगीत की धून से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। संचालान सुनील चौरे एवं उपस्थितों का आभार प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने व्यक्त किया।