सोशल मीडिया पर सामग्री पोस्ट और शेयर करते समय सतर्क रहना जरूरी-एसपी मनोज कुमार राय खंडवा

सोशल मीडिया पर सामग्री पोस्ट या शेयर करते समय पूरी सत्यता,विश्वसनीयता, निष्पक्षता और जवाबदेही का ध्यान रखना चाहिए। जो भी कंटेंट पोस्ट किया जाए उसे वेरिफाई करें और फैक्ट चैक किया जाए। पत्रकारिता एक जिम्मेदारीपूर्ण कार्य है, गलत आधी- अधूरी और समाज में वैमनष्यता फैलाने वाली जानकारी आपके और इस पेशे का सम्मान गिराती है। सम्मान बना रहे यह हर पत्रकार की जिम्मेदारी है।

यह बात खंडवा पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित “भारतीय न्याय संहिता और सोशल मीडिया पर पत्रकारों की स्वंतत्रता” विषय पर आयोजित सेमिनार में कही, समाजसेवी व पत्रकार सुनील जैन ने बताया कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्व विद्यालय के विस्तार परिसर कर्मवीर विद्यापीठ और खंडवा पुलिस के संयुक्त आयोजन में खंडवा एसपी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में सोशल मीडिया पर अधिक व्यूज पाने के लिए खबरों को सनसनीखेज तरीके से पेश किया जाता है,इससे बचने की जरूरत है। भारतीय न्याय संहिता में फोटो और वीडियो को प्रमुख साक्ष्य के तौर पर मान्यता मिली है,सभी को इसकी जानकारी होनी जरूरी है। पहले या जल्दबाजी में खबर दिखाने के प्रयास में अपने दायित्व नहीं भूलने चाहिए।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र तारणेकर ने बताया कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन के जितने भी महान नायक थे सभी पत्रकार थे। आजादी के आंदोलन में प्रेस का बड़ा योगदान है। इसलिए ही स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अभिव्यक्ति की आजादी दी गई। शासन,प्रशासन और पुलिस की कमियों उजागर करने का कार्य प्रेस ही करती है। जैसे हर संस्था की अपनी सीमा के अनुरूप कार्य करना होता है, वैसे ही पत्रकारिता सामाजिक और राष्ट्रीय दायित्व के अनुसार कार्य करें ये बेहद जरूरी है।कार्यक्रम के स्वागत भाषण में कर्मवीर विद्यापीठ के निदेशक प्रोफेसर डॉ .मनोज कुमार निवारिया ने कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदारी वाला कार्य है,इसका उद्देश्य समाज को दिशा देने का है। इसलिए क्या लिखना और दिखाना है, हर पत्रकार को इसकी जानकारी होनी चाहिए। कर्मवीर विद्यापीठ में पत्रकारिता शिक्षण के दौरान हर बारीकी सिखाई जाती है,साथ ही प्रेस कानूनों की भी जानकारी दी जाती है। इससे नए पत्रकार बेहतर तरीके से कार्य कर पाते है।डीपीओ चंद्रशेखर हुक्मलवार ने सेमिनार के दौरान उपस्थित लोगों को बताया कि भारतीय न्याय संहिता के अनुसार महिलाओं ,नाबालिग बच्चों और पाक्सो एक्ट के तहत आए मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय न्यायालय और पीड़ित पक्ष की लिखित अनुमति होना जरूरी है । नए कानून के अनुसार किन बातों प्रस्तुत करने से बचा जाए इसकी जानकारी दी।डी एस पी मुख्यालय अनिल चौहान ने भारतीय न्याय संहिता और भारतीय न्याय साक्ष्य संहिता में हुए नए बदलाव के बारे में पत्रकारों को रिपोर्टिंग करते समय सतर्क रहने की सलाह दी । खासकर साक्ष्य और आईटी एक्ट में शामिल किए गए नए बदलाव के बारे में बताया।पत्रकार और मीडिया शिक्षक डॉक्टर प्रमोद सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट डालने वाले और पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को समानांतर आय अर्जित करने के तरीकों के बारे में बताया।इस सेमिनार में खंडवा जिले के पत्रकार, पत्रकारिता के विद्यार्थी,सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले पत्रकार युटयुबर्स और पुलिसकर्मी मौजूद थे । कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों को विद्यापीठ की ओर से स्मृति चिन्ह दिए गए। इस कार्यक्रम में कर्मवीर विद्यापीठ के अतिथि शिक्षक निषात सिद्दीकी, जितेंद्र यादव, हर्ष उपाध्याय, प्रांजल सोहनी, पूजा पाटीदार राजेंद्र परसाई, ओम प्रकाश चौरे ,महेश यादव एवं किशोर लगस मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार आसिफ सिद्दीकी एवं आभार सी एस पी अरविंद तोमर ने किया ने किया।